Nalanda acharya chandana shree ka manaya gya 86th janmadin pichhel 53 salon se kar rhi hain jansewa who is acharya chandana shree nodvm

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राजगीर. गणतंत्र दिवस के दिन पद्मश्री से नामित आचार्य श्री चंदना श्री जी का 86वां जन्मदिन काफी धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान नालंदा जिले के राजगीर स्थित विरायतन में एक कार्यक्रम आयोजित की गई जिसमें आचार्य श्री चंदना श्री जी का लोगों ने जन्मदिन मनाया. उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से नामित किए जाने पर लोगों ने उन्हें बधाई भी दिया. बता दें कि आचार्य श्री चंदना श्री जी का जन्म 26 जनवरी 1937 को महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित कटारिया जैन परिवार में हुआ था. उनका बचपन का नाम शकुंतला था. लोग उन्हें ताई मां के नाम से भी पुकारते हैं.

आचार्य श्री चंदना ने 14 वर्ष की छोटी सी आयु में ही संयास ले लिया था और एक असाधारण यात्रा पर प्रारंभ की. उन्होंने दीक्षा के तुरंत बाद 12 वर्ष की मौन साधना का कठिन संकल्प लिया और इस समय शास्त्रों का गहन अध्ययन किया. इसी दौरान चंदना श्री जी ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में विरायतन का नींव डाली और तब से लगातार आजतक गरीब असाधारण परिवार के लोगों की निस्वार्थ सेवा भाव से सामाजिक मदद करती आ रही हैं.

समाज सेवा, शिक्षा के क्षेत्र में कर रहे हैं बेहतर कार्य

मालूम हो कि कि श्री चंदना श्री जी 53 सालों से लोगों को मुफ्त चिकित्सा, शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक आर्थिक रूप से मदद कर रही है. वह भले ही महाराष्ट्र में जन्म ली है लेकिन वह अपना कर्म भूमि बिहार को मानती है. आज पूरे विश्व में 25 स्थानों पर विरायतन का नींव रखते हुए निर्माण कराया है. आचार्य श्री चंदना श्री जी का एक ऐसा नाम है जो सादगी साहस और करुणा को साकार करता है. यह देश के पहली जैन साध्वी है, जिन्हें जैन समाज में प्रतिष्ठित आचार्य पद से सम्मानित किया है.

जैन धर्म के इतिहास में पहली बार दीक्षित वर्ग द्वारा सक्रिय सेवा के सिद्धांत को स्थापना का चंदना श्री जी का एक क्रांतिकारी अध्याय की शुरुआत की है. प्रत्येक कर्म धर्म बन सकता है इसका शाश्वत सत्य प्रतिष्ठित करके अचार्य श्री चंदना श्री जी करुणा का श्रेष्ठ मार्ग को प्रखरता से प्राप्त किया है.

आपके शहर से (राजगीर)

Tags: Bihar News in hindi



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