हाइलाइट्स
तिरंगे वाली राखी को मोतियों पर पिरोकर 20 से लेकर 100 रुपये तक बेचा जा रहा है.
चांदी वाली राखियों की कीमत 200 से लेकर 2000 रुपए तक है.
अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. सावन माह की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी सलामती की प्रार्थना करती हैं. वहीं, बदले में भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है. रक्षाबंधन के अब कुछ ही दिन बाकी हैं. ऐसे में लखनऊ के बाजारों में राखियों की रौनक दिखने लगी है. इस बार ‘ तिरंगे वाली राखी’ सबसे ज्यादा बिकने वाली राखी बन गई है.
दरअसल केंद्र सरकार की मुहिम पर इस बार घर-घर तिरंगा की पहल की जा रही है. ऐसे में बाजारों में तिरंगे वाली राखी की खासा डिमांड हो रही है. वहीं रोजाना लगभग 400 से 600 तिरंगे वाली राखियां बिक रही हैं. इसके अलावा जिन बहनों के भाई लखनऊ के बाहर के राज्यों या दूसरे देश में हैं वो भी अपने भाइयों की कलाई के लिए देश प्रेम के तौर पर तिरंगे वाली राखी को ही भेज रही हैं. लखनऊ के हर छोटे से लेकर बड़े बाजारों तक में तरह-तरह की तिरंगे वाली राखियां उपलब्ध हैं. इसके अलावा बीजेपी के कमल वाली राखी, व्हाट्सएप वाली राखी और डोरेमोन वाली राखी का भी क्रेज अच्छा खासा लोगों में देखा जा रहा है.
इन बाजारों में उमड़ रही भीड़
लखनऊ के मशहूर बाजार अमीनाबाद, नक्खास, चौक राजाजीपुरम, बादशाह नगर, अलीगंज का बाजार और गोमती नगर में राखियों की अलग-अलग वैरायटी को खरीदने के लिए सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ रही है. इन सभी बाजारों में तिरंगे वाली राखी मौजूद हैं. हालांकि कुछ बाजारों में तिरंगे वाली राखी को मोतियों पर पिरोकर भी बेचा जा रहा है, जिनकी कीमत 20 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है. इसके अलावा इन बाजारों में बच्चों के लिए जो राखी हैं जैसे डोरेमोन, शिनचेन और छोटा भीम की राखियां भी 10 से लेकर 50 रुपए तक उपलब्ध हैं.
चांदी और सोने की राखियां भी उपलब्ध
चौक सर्राफा बाजार के बड़े व्यापारी विनोद महेश्वरी ने बताया कि उन्होंने खास मांग पर तिरंगे वाली राखी, व्हाट्सएप वाली राखी और बच्चों के लिए अलग-अलग कार्टून वाली राशियों को चांदी पर बनवाया है. इसके अलावा बिना चांदी के सिर्फ चांदी की परत चढ़ी हुई भी राखियां इसी डिजाइन में उनके पास मौजूद हैं जिनकी कीमत बेहद कम है. इसके अलावा चांदी वाली राखियां 200 से लेकर 2000 रुपए तक मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 5 ग्राम से लेकर 10 ग्राम या इससे ज्यादा तक सोने की राखियां भी मौजूद हैं, जिसकी कीमत बेचने पर पूरी वापस हो जाएगी. सिर्फ उसको बनाने में जो खर्चा आया है उसे ही काटा जाएगा.
देश सुरक्षित तो हम सुरक्षित
राखियां खरीदने आई रीना यादव ने बताया कि वह अपने भाई को तिरंगे वाली राखी बांधेंगी, क्योंकि अगर देश सुरक्षित होगा तो वह भी खुद सुरक्षित रहेंगी. उनका कहना है कि बाकी बहनों को भी तिरंगे वाली राखी खरीदनी चाहिए. वहीं, आशुतोष ने बताया कि वह अपनी बहन के साथ राजाजीपुरम के बाजार में राखी खरीदने आए थे. उनकी बहन को तिरंगे वाली राखी पसंद आई हैं और वह भी चाहते हैं कि उनकी बहन उनकी कलाई पर तिरंगे वाली राखी बांधे.
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Tags: Lucknow news, Raksha bandhan
FIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 13:41 IST