SC टीचर का आरोप- कॉलेज में काटी गई चोटी, अटेंडेंस रजिस्टर पर नहीं करने दिया जाता साइन

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हाइलाइट्स

पूरा मामला बाराबंकी के नगर कोतवाली क्षेत्र में स्थित सिटी इंटर कॉलेज से जुड़ा है
प्रधानाचार्य ने शिक्षक के इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया

बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के एक इंटर कॉलेज से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक संस्कृत के अध्यापक ने कॉलेज के प्रधानाचार्य और स्टाफ पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. अनुसूचित जाति के इस शिक्षक का आरोप है कि कॉलेज के प्रधानाचार्य और तीन-चार शिक्षक मिलकर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. अनुसूचित जाति का होने के चलते उसे कॉलेज में गालियां दी जाती हैं और भगा दिया जाता है. स्कूल का उपस्थिति रजिस्टर उससे छीन लिया जाता है. उसे उस रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने दी जाती, जिसमें बाकी स्टाफ हस्ताक्षर करता है. बल्कि उसकी उपस्थिति दूसरे रजिस्टर पर दर्ज कराई जाती है. यहां तक कि सभी ने मिलकर उसके सिर की चोटी भी काट दी है, जिसके चलते वह काफी परेशान है.

शिक्षक ने आरोप लगाया कि जब वह कॉलेज में आचार्य वाले वस्त्र पहनकर आता था, तब उसे सभी भद्दी-भद्दी टिप्पणियां करकर परेशान करते थे. वहीं कॉलेज के प्रधानाचार्य ने शिक्षक के इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. यह पूरा मामला बाराबंकी के नगर कोतवाली क्षेत्र में स्थित सिटी इंटर कॉलेज से जुड़ा है, जहां पर संस्कृत के शिक्षक के रूप में तैनात अभय कोरी नाम के एक शख्स ने कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एससी गौतम समेत बाकी कई शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अभय कोरी का आरोप है कि विद्यालय में सामंतवादी सोच के तहत शिक्षकों ने गुट बना रखा है. यह सभी लोग उसे आए दिन यह कह कर प्रताड़ित करते हैं कि तुम अनुसूचित जाति से आते हो. ऐसे में हमारे साथ काम नहीं कर सकते.

चोटी काटने का आरोप 
अभय कोरी का आरोप है कि कॉलेज में ही सभी ने मिलकर उसकी चोटी काट दी. साथ ही उसके साथ मारपीट भी की. जिसकी शिकायत उसने पुलिस से भी की थी. संस्कृत शिक्षक के मुताबिक जब भी वह कॉलेज में बच्चों को पढ़ाने के लिए जाता है तो यह लोग जातिसूचक टिप्पणियां उसपर करते हैं. इन सब बातों के चलते वह काफी परेशान हो चुका है.

2018 में हुई थी कॉलेज में नियुक्ति
अभय कुमार कोरी के मुताबिक उन्होंने टीजीटी करने के उपरांत साल 2018 में आयोग के द्वारा नियुक्ति मिलने के बाद सिटी इंटर कॉलेज में संस्कृत के आचार्य के रूप में अपनी नौकरी शुरू की थी. शुरू में जबतक वह कॉलेज में सभी के इशारों पर काम करते रहे, तब तक सब ठीक था, लेकिन जैसे ही उन्होंने बच्चों को पढ़ाने समेत बाकी काम शुरू किए, तो सभी उसके खिलाफ हो गए. अभय के मुताबिक कॉलेज में उससे कहा गया कि वह अनुसूचित जाति से आता है, इसलिए वह उन लोगों की बराबरी न करे. सभी ने मिलकर उसे काफी परेशान करना शुरू कर दिया और कॉलेज प्रबंधन तंत्र के साथ मिलकर साजिश के तहत उसे निलंबित करा दिया. अब वह काफी लंबी कागजी लड़ाई के बाद बहाल हो सका है, लेकिन फिर भी उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है. उसे रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने दी जाती, जिसमें बाकी स्टाफ हस्ताक्षर करता है. बल्कि उसकी उपस्थिति दूसरे रजिस्टर पर दर्ज कराई जाती है.

प्रधानाचार्य ने आरोपों को बताया निराधार
वहीं कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एससी गौतम ने शिक्षक अभय कुमार के सभी आरोपों को गलत और निराधार बताया है. उनका कहना है कि यह शिक्षक चरित्र का ठीक नहीं है. उसने विद्यालय की कई छात्राओं के साथ गलत हरकतें की. साथ ही उसने उनके साथ मारपीट भी की है. जिसके चलते कॉलेज  प्रबंधन ने उसे निलंबित किया था. हालांकि इस समय बहाल हो गया है, लेकिन जांच अभी भी जारी है. इसी वजह से उसकी उपस्थिति दूसरे रजिस्टर पर दर्ज कराई जाती है और आदेश के मुताबिक उसे शिक्षण कार्य से भी दूर किया गया है.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने कही ये बात
वहीं कॉलेज से जुड़े इस मामले पर बाराबंकी के जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक को बहाल किया जा चुका है. उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर न कराने और चोटी काटने के आरोपों पर कहा कि इसकी जांच आख्या वह विद्यालय से मंगवाकर, जो भी तथ्य निकलकर आएंगे, उसके मुताबिक आगे की आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

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