पटना हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
Patna High Court News: यह मामला तीन साल पुराना है. पटना सिविल कोर्ट के कर्मचारी कैमरे के सामने घूस लेते पकड़े गए थे. इस केस के बाद न्यायपालिका में हड़कंप मच गया था.
जैसे ही इस लेन-देन की घटना का प्रसारण हुआ वैसे ही न्यायपालिका में खलबली मच गई थी. पटना हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया तो उन्होंने टीवी में दिखने वाले सभी कर्मचारियों को फौरन निलंबित करने का आदेश दिया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी कानूनी प्रक्रिया के बाद हाई कोर्ट प्रशासन ने अंततः सेवा से बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया.
उल्लेखनीय है कि कैश फॉर जस्टिस के नाम से यह मामला काफी चर्चित हुआ था. बर्खास्त होने वाले कर्मचारियों में रोमेंद्र कुमार, संतोष तिवारी, कुमार नागेन्द्र, संजय शंकर, आशीष दीक्षित, प्रदीप कुमार, सुनील कुमार यादव, विश्वमोहन विजय (सभी पेशकार), मुकेश कुमार (क्लर्क), सुबोध कुमार (टाइपिस्ट), शहनाज़ रिज़वी (नकलखना क्लर्क), सुबोध कुमार (सर्वर रूम का क्लर्क), मनी देवी, मधु राय, राम एकबाल और आलोक कुमार (सभी चपरासी) शामिल हैं. पटना सिविल कोर्ट के इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार में लिप्त इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है.इनपुट- आनंद वर्मा
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