लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में AIMIM को बड़ा झटका लगा है. आजमगढ़ जिले के कद्दावर नेता और यूपी में असदुद्दीन ओवैसी की लाज रखने वाले शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली (Guddu Jamali) ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) में घर वापसी कर ली है. मायावती ने उन्हें आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है. यह सीट नेता विरोधी दल अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. दरअसल, ओवैसी की पार्टी के टिकट पर 100 से अधिक नेता यूपी में चुनाव लड़े थे, उन सबकी जमानत जब्त हो गई. एक गुड्डू जमाली ही थे, जिन्होंने अपनी जमानत बचा ली.
बता दें कि आजमगढ़ जिले की सभी 10 सीटों पर समाजवादी पार्टी का झंडा लहरा रहा है. सांसद अखिलेश यादव ने यह सीट छोड़ दी है. वह करहल सीट से विधायक बने रहेंगे और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे. अब अखिलेश के आजमगढ़ सीट छोड़ने के बाद स्थानीय राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है. गुड्डू जमाली वापस बसपा का दामन थामकर लोकसभा उपचुनाव में उतर गए हैं. जिले की राजनीति में उनकी पकड़ मानी जाती है.
जानिए कौन हैं गुड्डू जमाली?
आपको बता दें कि गुड्डू जमाली आजमगढ़ से ताल्लुक रखते हैं और आजमगढ़ सपा का गढ़ कहा जाता है. पहली बार साल 2012 में वह मुबारकपुर सीट से विधायक बने और फिर 2017 में भी चुनाव जीते. हालांकि, दोनों ही चुनावों में बसपा की हालत खराब दिखी, लेकिन गुड्डू दोनों ही बार अपनी सीट बचाने में सफल हुए. ऐसे में केवल मुबारकपुर ही नहीं, बल्कि पूरे आजमगढ़ में ही जमाली ने पकड़ बना ली. बरहाल गुड्डू जमाली बसपा के लिए कितने कारगर साबित होंगे यह आने वाला वक्त बताएगा.
वहीं लखनऊ में मायावती ने बीएसपी नेताओं संग बैठक की, जिसमें पूरे प्रदेश के पदाधिकारी शामिल हुए. इस मीटिंग में हार की समीक्षा हुई. खासकर इस कारण को तलाशा गया कि दलित वोटबैंक का बड़ा हिस्सा पार्टी से क्यों छिटका?
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