क़याम रज़ा
पीलीभीत. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) द्वारा पीलीभीत जिले में मुस्लिम प्रत्याशियों को दरकिनार करते हुए कुर्मी बिरादरी को ज्यादा तवज्जो दिए जाने से यहां से मुस्लिम समुदाय में रोष है. समाजवादी पार्टी ने यहां की 4 सीटों में से 2 सीटों पर कुर्मी बिरादरी के प्रत्याशी पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने के लिए आगे किया है, जबकि पीलीभीत की चारों सीटों पर मुस्लिम वोटों की भरमार है और यहां की सदर सीट और बीसलपुर सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी भी कई बार जीत हासिल कर चुके हैं.
आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सदर विधानसभा से कुर्मी बिरादरी का प्रत्याशी उतारा, उसके बाद बीसलपुर विधानसभा से भी उन्होंने कुर्मी प्रत्याशी उतारकर जिले में यह संदेश देना चाहा कि वह पिछड़ी जातियों को भी तवज्जो दे रहे हैं यहां पर उन्होंने मुस्लिम बिरादरी को दरकिनार करते हुए गैर मुस्लिम को टिकट देकर मुसलमानों में बेचैनी फैला दी है.
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मुस्लिम बहुल सीट पर कुर्मी उम्मीदवार
आपको बताते चलें कि पीलीभीत की सदर विधानसभा सीट पर तकरीबन डेढ़ लाख मुस्लिम वोटर हैं और यहां की सीट परंपरागत मुस्लिम सीट कहलाती थी. यहीं से चार बार हाजी रियाज अहमद विधायक हुए तथा समाजवादी पार्टी में विभिन्न पदों पर रहते हुए कैबिनेट मंत्री भी बने उनके मरने के बाद समाजवादी पार्टी ने किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी पर भरोसा नहीं जताया.
मुस्लिम वोटरों में है रोष
पीलीभीत सदर विधानसभा सीट पर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय हाजी रियाज अहमद का परिवार इस सीट से समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहता था. पार्टी के मना करने पर उनके घर में नाराजगी का माहौल है और उन्होंने एक मीटिंग बुलाकर पत्रकारों से कहा कि वह कतई चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि यह सीट की परंपरागत थी और उनके पिताजी ने अपने खून से इस सीट को सींचा था.
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