रिपोर्ट: सृजित अवस्थी
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर में घर से बाहर निकलने वालों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. दरअसल, राहगीरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर पालिका परिषद की ओर से बड़ी लागत लगाकर सार्वजिनक शौचालय बनाए गए थे, लेकिन लगभग सभी शौचालय महज सफेद हाथी बन कर रह गए हैं. ये शौचालय आम जनता के काम नहीं आ रहे. अधिकतर सार्वजनिक शौचालयों में या तो ताले लटके हैं या फिर वे इतने गंदे हैं कि उसका उपयोग करना नामुमकिन है.
बाजार के पास कई शौचालय, पर चल रहा है केवल एक
पीलीभीत शहर में जिले का प्रमुख बाजार है. आसपास के इलाकों के लोग अपनी ज़रूरतों के लिए इसी बाजार पर निर्भर हैं. लेकिन पूरे बाजार में नगर पालिका की ओर से बनाए गए शौचालयों के बुरे हाल हैं. बरेली दरवाजे के पास बने शौचालय की स्थिति तो इतनी बदतर है कि वहां खड़ा होना भी दूभर है. हालांकि, रामस्वरूप पार्क में बना नया शौचालय हाल फिलहाल में चल रहा है.
डिग्री कॉलेज के पास बने शौचालय पर लटका ताला
उपाधि महाविद्यालय शहर का प्रमुख डिग्री कॉलेज है. यहां बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं. साथ ही इस रोड पर तमाम अस्पताल भी बने हैं. ऐसे में कई लोगों को इस शौचालय की जरूरत होती है, लेकिन लगभग 12 लाख की लागत से बने इस शौचालय में ताला लटकता दिखाई देता है, जिससे लोगों को खासा परेशानी से जूझना पड़ता है.
ई-टॉयलेट भी नहीं आ रहा काम
दरअसल, स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर के गौहनियां चौराहे पर ई-टॉयलेट बनवाया गया था. ई-टॉयलेट पूरी तरह से सेंसर से काम करने वाला शौचालय होता है. उपयोग करने के लिए इसमें सिक्का डालना होता है, जिससे उसका दरवाजा खुलता है. लेकिन यह आधुनिक शौचालय भी महज शोपीस बनकर सड़क किनारे खड़ा है. गौहनियां चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहे में से एक है. शौचालय पर ताला लटका होने से आम लोगों को भटकना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED : July 13, 2022, 11:14 IST