चाईबासा24 मिनट पहले
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जंगल में पड़ी लकड़ियां
झारखंड और ओड़िशा की सीमा पर 820 वर्ग KM में फैले सारंडा वन क्षेत्र के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। बताया जा रहा है कि जंगल के अलग-अलग इलाकों में लकड़ी माफिया धड़ल्ले से शाल(साखू) के पेड़ों की कटाई करा रहे हैं। इन लकड़ियों की तस्करी कर ऊंची कीमतों पर झारखंड और ओड़िशा के अलग-अलग इलाकों में बेचा जा रहा है। जानकारी के अनुसार पश्चिमी सिंहभूम जिले के छोटानागरा थाना अंतर्गत छोटानागरा से मनोहरपुर जाने वाली मुख्य मार्ग में अवस्थित कुम्बिया नामक स्थान से लगभग चार किलोमीटर दूरी पर स्थित जोजोदा में बड़े पैमाने पर शाल पेड़ों की कटाई हुई है। पेड़ों की लकड़ियां यहां पड़ी हुई है। वन विभाग के अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि मामले की सूचना मिली है। इसकी जांच कराई जा रही है।
जंगल में कई पेड़ों को काटा गया है
स्थानीय लोगों की माने तो अवैध तरीके से पेड़ों को काटकर मनोहरपुर के रास्ते ओड़िशा के राउरकेला तक इन लकड़ियों को भेजा जा रहा है। इसमें ओड़िशा के लकड़ी माफियाओं की बड़ी भूमिका है। सारंडा वन क्षेत्र के वन प्रमंडल पदाधिकारी चंद्रमौलि प्रसाद सिन्हा ने बताया कि उक्त क्षेत्र में साल वृक्षों के कटाई करने की सूचना मिली है। इसकी जांच के लिए वन विभाग की ओर से टीम को भेजा गया है।
पेड़ों की कटाई की सूचना के बाद वन विभाग की टीम पहुंच रही है।
इससे पहले भी कई बार पेड़ों की अवैध कटाई कर लकड़ियों की तस्करी करने का मामला सामने आ चुका है। इससे पहले आनंदपुर रेंज के गुल्लू में दो बार अवैध लकड़ियों से लदे ट्रकों को जब्त किया गया था। पहले मामले का खुलासा तब हुआ जब तस्करों का ट्रक सड़क के दलदल में फंस गया। वहीं दूसरे मामले में लकड़ी लदे ट्रक को पुलिस ने जब्त कर लिया। इस मामले में 10 लकड़ी तस्करों को गिरफ्तार किया गया था।